भारतीय थल सेना दिवस 2023 थीम, इतिहास और महत्व | Indian Army Day 2023 Theme, History & Significance In Hindi

सेना दिवस के अवसर पर पूरा देश थल सेना की वीरता अदम्य साहस और शौर्य की कुर्बानी की दास्ताँ को बयां करता है |

भारतीय थल सेना दिवस 15 जनवरी को प्रत्येक वर्ष मनाया जाता है । आज इस आर्टिकल के माध्यम से जानेंगे हम कि इसकी शुरुआत कब हुई ,इसे क्यूं मनाया जाता है ,तथा साथ Indian Army Day 2023( भारतीय थल सेना दिवस) की थीम भी जानेंगे।

Indian Army Day 2023 । भारतीय थल सेना दिवस 2023  

भारतीय थल सेना (Indian Army Day ) आज के दिन यानी (15 जनवरी) को मनाया जाता है। भारतीय सेना इस वर्ष 15 जनवरी को अपना 75 वां आर्मी दिवस मनाएगी। वर्ष 1949 में इसी दिन फील्ड मार्शल केएम करियप्पा ने जनरल फ्रांसिस बुचर से भारतीय सेना की कमान ली थी। फ्रांसिस बुचर भारत के अंतिम ब्रिटिश कमांडर इन चीफ थे। वहीं, सेना की कमान लेने के बाद फील्ड मार्शल केएम करियप्पा भारतीय आर्मी के पहले कमांडर इन चीफ बने थे। करियप्पा के भारतीय थल सेना के शीर्ष कमांडर का पदभार ग्रहण करने के उपलक्ष्य में हर साल यह दिन ‘आर्मी डे’ के रूप में मनाया जाता है। इस दिन नई दिल्ली और सभी सेना मुख्यालयों पर सैन्य परेडों, सैन्य प्रदर्शनियों और अन्य कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता है। जिसमें, पूरे देश थल सेना की अदम्य साहस, वीरता, उनके शौर्य और कुर्बानियों को याद करता है।

Indian Army Day 2023 History। भारतीय थल सेना दिवस को मनाए जाने  का इतिहास 

सेना दिवस के अवसर पर पूरा देश थल सेना की वीरता अदम्य साहस और शौर्य की कुर्बानी की दास्ताँ को बयां करता है। जगह-जगह कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं। दिल्ली में सेना मुख्यालय के साथ-साथ देश के कोने-कोने में शक्ति प्रदर्शन के साथ-साथ भारतीय सेना की मुख्य उपलब्धियों पर कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता है

भारत में हर वर्ष 15 जनवरी को लेफ्टिनेंट जनरल (बाद में फ़ील्ड मार्शल) के. एम. करियप्पा के भारतीय थल सेना के शीर्ष कमांडर का पदभार ग्रहण करने के उपलक्ष्य में मनाया जाता है।

Indian Army Day 2023 who was K.M Kariappa। कौन थे कोडंडेरा एम. करियप्पा?

फील्ड मार्शल कोडंडेरा मडप्पा करियप्पा ब्रिटिश शासन से स्वतंत्रता प्राप्त करने के बाद भारतीय सेना के पहले भारतीय कमांडर-इन-चीफ (सी-इन-सी) बने । फील्ड मार्शल सैम मानेकशॉ के साथ, करियप्पा फील्ड मार्शल की पांच सितारा रैंक रखने वाले केवल दो भारतीय सेना अधिकारियों में से एक हैं। उनका प्रतिष्ठित सैन्य करियर 1920 से 1950 के दशक तक लगभग तीन दशकों तक फैला रहा। करिअप्पा इंपीरियल डिफेंस कॉलेज, केम्बरली, यूके में प्रशिक्षण के लिए चुने गए पहले दो भारतीयों में से एक थे। भारतीय सेना के कमांडर-इन-चीफ बनने से पहले, करियप्पा भारतीय सेना के पूर्वी और पश्चिमी कमांड के कमांडर के रूप में कार्य किया। जिस दिन उन्होंने भारतीय सेना की बागडोर संभाली, यानी 15 जनवरी 1949 को आधिकारिक सेना दिवस के रूप में चिह्नित किया गया और अब इसे सालाना मनाया जाता है।

Indian Army Day 2023 Theme। भारतीय थल सेना दिवस 2023 की थीम

भारतीय थल सेना दिवस 2023 की थीम की आधिकारिक घोषणा हालांकि नही की गई है। उसकी सूचना आपको इसी आर्टिकल को अपडेट करके पहुंचा दी जाएगी। सेना दिवस पर वर्ष 2022 के लिए भारतीय सेना की थीम “इन स्ट्राइड विद द फ्यूचर-भविष्य के साथ प्रगति में” है, जो आधुनिक काल के युद्ध में अहम और विध्वंसकारी प्रौद्योगिकियों द्वारा तेजी से निभाई गई महत्वपूर्ण भूमिका की स्वीकृति को दर्शाती है।

भारतीय सेना का नारा : के. एम. करियप्पा ने ‘जय हिंद’ का नारा अपनाया जिसका अर्थ है ‘भारत की जीत’। वह फील्ड मार्शल की पाँच सितारा रैंक रखने वाले केवल दो भारतीय सेना अधिकारियों में से एक हैं, दूसरे फील्ड मार्शल सैम मानेकशॉ हैं।

थलसेना का ध्येय वाक्य है ‘सर्विस बिफोर सेल्फ’। इसका अर्थ है – खुद से पहले सेवा।

Indian Army Day 2023 । जानिए किस तरह भारतीय सेना कमान इस दिवस को मनाते हैं

सभी सेना कमान मुख्यालय देश के उन सैनिकों को सम्मानित करने के लिए सेना दिवस मनाते हैं, जो अपनी स्वतंत्रता और सम्मान की रक्षा के लिए जीते हैं और इसके लिए अपनी जान दे देते हैं। इस दिन पूरे देश में भव्य समारोह होते हैं। मुख्य सेना दिवस परेड दिल्ली छावनी के करियप्पा परेड मैदान में आयोजित की जाती है जहां देश के सेनानियों को सलामी दी जाती है। सैन्य हार्डवेयर, विभिन्न दल और एक लड़ाकू प्रदर्शन परेड का हिस्सा हैं। इस दिन सैनिकों को उनकी बहादुरी के लिए वीरता पुरस्कार और सेना पदक भी प्रदान किए जाते हैं।

Indian Army Day 2023 Significance । भारतीय थल सेना दिवस को मनाए जाने का महत्व

ये दिवस देश के उन सैनिकों को सम्मानित करने के लिये प्रत्येक वर्ष  मनाया जाता है, जिन्होंने निस्वार्थ सेवा और भाईचारे की सबसे बड़ी मिसाल कायम की है तथा जिनके लिये देश-प्रेम सबसे बढ़कर है।

सेना दिवस के उपलक्ष्य में साल दिल्ली छावनी के करियप्पा परेड ग्राउंड में परेड का आयोजन किया जाता है।

कुछ महत्वपूर्ण बिंदु 

भारतीय सेना की उत्पत्ति ईस्ट इंडिया कंपनी की सेनाओं से हुई, जो बाद में ‘ब्रिटिश भारतीय सेना’ और अंततः स्वतंत्रता के बाद, भारतीय सेना बन गई।

भारतीय सेना की स्थापना लगभग 126 साल पहले अंग्रेज़ों ने 1 अप्रैल, 1895 को की थी।

भारतीय सेना को विश्व की चौथी सबसे सशक्त/मज़बूत सेना माना जाता है।

सेना का मुख्यालय, भारतीय राजधानी नई दिल्ली में स्थित है, और यह सेना प्रमुख (चीफ ऑफ़ दी आर्मी स्टाफ) के निरिक्षण में रहती हैं।

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